इस शिवरात्रि को ऐसे करे भगवान शिव का अभिषेक ।
- Astro Mahesh Jyotishacharya Guru ji
- Feb 3, 2018
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रुद्राभिषेक के विभिन्न पूजन के लाभ इस प्रकार हैं-
ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र रजि. • जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है। • असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें। • भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें। • लक्ष्मी प्राप्ति के लिये गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। • धन-वृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें। • तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। • इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है । • पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें। • रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है। • ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/गंगाजल से रुद्राभिषेक करें। • सहस्रनाम-मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है। • प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है। • शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर जडबुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है। • सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है। • शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है। • पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें। • गो दुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है। • पुत्र की कामनावाले व्यक्ति शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करें। ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है। परन्तु विशेष अवसर पर या सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि आदि पर्व के दिनों मंत्र गोदुग्ध या अन्य दूध मिला कर अथवा केवल दूध से भी अभिषेक किया जाता है। विशेष पूजा में दूध, दही, घृत, शहद और चीनी से अलग-अलग अथवा सब को मिला कर पंचामृत से भी अभिषेक किया जाता है। तंत्रों में रोग निवारण हेतु अन्य विभिन्न वस्तुओं से भी अभिषेक करने का विधान है। इस प्रकार विविध द्रव्यों से शिवलिंग का विधिवत् अभिषेक करने पर अभीष्ट कामना की पूर्ति होती है।


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