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क्यो करते है अंतिम संस्कार मे कपाल छेदन और क्यो नही जाती औरत श्मशान घाट मे।

  • Writer: Astro Mahesh Jyotishacharya Guru ji
    Astro Mahesh Jyotishacharya Guru ji
  • Sep 25, 2017
  • 2 min read

 शव को जलाने से पहले उसके सिर पर यूँ ही नहीं मारा जाता डंडा, इसके पीछे की वजह आपको हिलाने के लिए काफी है

इस चीज में कोई संदेह नहीं है कि हमारे आस-पास ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं जिन्हें लोग पूर्वजों की पहले से ही देखते हुए आते हैं और उसके पीछे का असल मतलब न जानते हुए भी उसे दुहराते जाते हैं. अगर हिंदू धर्म की बात की जाए तो उसमे भी आपको ऐसी कई सारी मान्यताएं दिख जाएंगी जिनका असल कारण बहुत ही कम लोग जानते होंगे और इसी में से है अंतिम संस्कार से जुड़े कुछ तथ्‍य. जी हाँ हिन्दू मान्यता के अनुसार अंतिम संस्कार के दौरान अगर आपने कभी ध्यान दिया हो तो अंतिम संस्‍कार के समय श्‍मशान घाट में महिलाओं का जाना अनिवार्य होता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आखिर ऐसा क्यों..? यक़ीनन आपके मन में ये सवाल जरुर आता होगा कि आखिर वो कौन सी वजह है जिसके कारण अंतिम संस्कार में शामिल होने से महिलाओं को रोक दिया जाता है..? 

आज हम आपको इसी मान्यता के पीछे की असली वजह को बताएंगे. तो चलिए हम आपको बताते हैं महिलाओं के श्मशान घाट न जाने की असल वजह.यूँ तो हम सभी जानते हैं कि महिलाओं का ह्रदय पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा कोमल होता है. इसलिए ये मान्यता है कि अगर कोई श्मशान घाट पर रोता है तो मरनेवाले की आत्मा को शांति नहीं मिलती है. महिलाओं का दिल बेहद कोमल होता है लिहाजा अंतिम संस्कार की क्रिया को देखकर महिलाएं न केवल डर जाती हैं बल्कि रो भी पड़ती है. इसलिए श्मशान घाट में चिता को जलते देख महिलाएं डर ना जाएं इसके लिए उन्हें घर पर ही रहने के लिए कहा जाता है. इसी के साथ ये भी माना जाता है कि श्मशान घाट में हरदम आत्माओं का वास रहता है. ऐसे में आत्माओं से महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा होता है क्योंकि बुरी आत्माएं अक्सर महिलाओं को ही अपना निशाना बनाती हैं.देखा जाए तो श्मशान घाट से लौटने के बाद पुरुषों के पैर धुलवाने और स्नान करवाने के लिए महिलाओं का घर पर रहना भी बेहद जरूरी होता है इसलिए भी उन्हें अंतिम संस्कार के दौरान महिलाओं को श्मशान घाट जाने से मना किया जाता है.अंतिम संस्कार से जुड़ी एक और बेहद हैरान करने वाली बात हमारे सामने आती है कि जब कोई मर जाता है तो उसका बेटा उसके सर में डंडा मारता है. मान्यताओं के अनुसार अगर ऐसा नहीं किया जाए तो कहा जाता है कि जो तंत्र विद्या वाले लोग होते हैं वो व्‍यक्ति के मरने के बाद उसके सिर के फिराक में रहते हैं ताकि इससे वो उसका दूरूपयोग कर सके. इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस सिर के द्वारा तांत्रिक उस व्‍यक्ति को अपने कब्‍जे में कर सकता है और उसके आत्‍मा के द्वारा गलत काम भी करवा सकता है. हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक अगर आपने ध्यान दिया हो तो अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले सभी सदस्यों को अपने बाल मुंडवाने होते हैं. इसलिए भी महिलाओं को दाह संस्कार में शामिल होने के लिए श्मशान घाट नहीं जाने दिया जाता है. 


 
 
 

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