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12 राशियों के मंत्र,उपाय, पूजन सामग्री,जिससे महालक्ष्मी होगी प्रसन्न

  • Writer: Astro Mahesh Jyotishacharya Guru ji
    Astro Mahesh Jyotishacharya Guru ji
  • Oct 23, 2019
  • 4 min read

Updated: Oct 24, 2019

मेषः लक्ष्मी पूजन: लक्ष्मी सूक्त, गुलाब के इत्र, जटामासी की धूप और कमलगट्टे से लक्ष्मी पूजन आनंद प्रदान करेगा। उपाय: नित्य उगते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान करें।, निंदा और आलोचना से दूर रहें। असहायों की सहायता करें।, सकारात्मक सोच तथा कम नमक का सेवन जीवन में आनंद बिखेर देगा। ऐसा मान्यताएं कहती हैं|

अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं श्रिये नमः

वृषः लक्ष्मी पूजन: श्वेत वस्त्र, कमल पुष्प, गुग्गुल की धूप और काले तिल से लक्ष्मी का पूजन मन को आनंद से परिपूर्ण कर देगा। उपाय: घर में गुलाब जल मिश्रित पानी से पोंछा लगाएं, लाभ होगा। ऐसा पारंपरिक अवधारणाएं कहती हैं।

अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्षम्ये नमःमिथुनः लक्ष्मी पूजन: पश्चिम की ओर मुख कर महालक्ष्मी की उपासना करें। धनिया के बीज, बताशे, चमेली का इत्र, गुग्गुल, जटामासी की धूप और लाल कनेर से लक्ष्मी पूजन अपार आनंद प्रदान करेगा। उपाय: प्रत्येक बुधवार को मिट्टी की खाली मटकी और कांसे की थाली में देसी खांड और घी भरकर जल में प्रवाह करें। थाली घर ले आएं और उसी में भोजन करें। लाभ होगा, ऐसी मान्यताएं हैं।

अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये, प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्षम्ये नमः।

कर्कः लक्ष्मी पूजन: लक्ष्मी पूजन में गुग्गुल का धूम्र, शहद, नागकेसर, गुड़ और धनिया के बीजों को कमलगट्टे के साथ अर्पित करें। उपाय: सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के मंत्रों से महालक्ष्मी को धान के लावे, चमेली का इत्र और कनेर का पुष्प अर्पित करना लाभ कारक रहेगा, ऐसा तंत्र और आध्यात्म के सिद्धान्त कहते हैं।

अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नमः।

सिंहः लक्ष्मी पूजन: लक्ष्मी पूजन में अपराजिता की जड़, कमल पुष्प, काले तिल, चमेली का पुष्प और लाल चुनरी अर्पित करें। उपाय: लाल पोटली में धन रखें। चीटियों को गुड़ खिलाएं। एक माह तक नित्य काली बांसुरी में गुड़ भरकर भूमि गाढ़ दें। सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी, ऐसा लालकिताब और तंत्र के सूत्र कहते हैं।

अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं ऐं नमः

कन्याः लक्ष्मी पूजन: लक्ष्मी पूजन में दक्षिणावर्ती शंख पर रोली से लक्ष्मी बीज श्रीं और माया बीज ह्रीं लिख कर लक्ष्मी के साथ काले तिल, कमलगट्टे, जटामासी के धूम्र से पूजन करें। उपाय: प्रत्येक बुधवार को कांच की बोतल में गंगाजल भरकर भूमि प्रवाह करें,देसी गाय को मूँग अर्पित करें, मिट्टी की खाली मटकी और काँसे की थाली में देसी खाँड़ और घी भरकर जल प्रवाह करें।लाभ होगा, ऐसा मैं नहीं पारंपरिक मान्यतायें कहती हैं।

अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रीं ऐं नमः

तुलाः लक्ष्मी पूजन: 51 बार अर्गला व सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करके भगवती लक्ष्मी को पंचरत्न, श्वेत वस्त्र, गुलाब पुष्प, गुलाब इत्र, अनार, कमलगट्टे और धान के लावे से लक्ष्मी का पूजन सुख प्रदान करेगा। उपाय: श्वेत गाय की सेवा, चावल और शक्कर का दान, व बरगद की जड़ों में मीठा दुग्ध अर्पित करें। अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्

वृश्चिकः लक्ष्मी पूजन: श्री सूक्त व विष्णु सूक्त के 51 पाठ व लाल वस्त्र, कमल पुष्प, चमेली का इत्र, अनार और अक्षत से लक्ष्मी का पूजन सुख प्रदान करेगा। उपाय: जल के जीवों को गुड़ मिश्रित आहार, लाल मिर्च का त्याग, मसूर की दाल और ताम्र बर्तनों का दान, और मीठी वाणी आपको लाभ प्रदान करेंगे, ऐसा पारंपरिक अवधारणाएं कहती।

अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं अष्टलक्ष्मयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा

धनुः लक्ष्मी पूजन: कमल पुष्प, अपराजिता की जड़, गुलाब इत्र, अनार, शहद और काले तिल से लक्ष्मी का पूजन हर्ष प्रदान करेगा। उपाय: गुरु की सेवा, मस्तक, नाभि व जिह्वा पर केसर मिश्रित जल का लेप और सूर्य को अर्ध्य लाभ प्रदान करेगा, ऐसा पारंपरिक अवधारणाएं कहती हैं।

अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ मकरः लक्ष्मी पूजन: श्री सूक्त का 101 पाठ, बताशे, अपराजिता की जड़, काले तिल, लाल कनेर और धान का लावा के साथ लक्ष्मी पूजन अंतर्मन को आनंद से भर देगा। उपाय: बारह बादाम को काले कपड़े की पोटली में बान्ध कर लोहे के डिब्बे में बन्द करके किसी अंधेरे स्थान में रखने और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को तैलीय भोजन के अर्पण से लाभ होगा, ऐसा मान्यतायें कहती हैं।

अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी नम:। कुम्भः लक्ष्मी पूजन: श्वेतार्क (सफ़ेद मदार या आक) की जड़, एकाक्षी नारियल, पंचरत्न, शमी की लकड़ी, कमल पुष्प, धान का लावा, और चमेली के इत्र से भगवती का पूजन करें। आत्मिक सुख प्राप्त होगा। उपाय: बांसुरी में शक्कर भरकर भूमि में गाढ़ दें। मांसाहार, मदिरा व काले रंग के वस्त्रों का त्याग लाभ प्रदान करेगा, ऐसा मान्यतायें कहती हैं।

अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी नम:मीनः लक्ष्मी पूजन: गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ, लौंग, इलायची, पान, कपूर, , गुड़, धनिया, अक्षत, श्वेतार्क के पुष्प, एकाक्षी नारियल और पंचरत्न से लक्ष्मी का पूजन करें। हर्ष की अनुभूति होगी। उपाय: गुरु की सेवा, मस्तक, नाभि व जिह्वा पर केसर मिश्रित जल का लेप, चांदी के पात्र में संग्रहित जल, या चांदी डूबे जल का पान और सूर्य को अर्ध्य लाभ प्रदान करेगा, ऐसा पारंपरिक अवधारणाएं कहती हैं। अनुकूल लक्ष्मी मंत्र: ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं श्रिये नमः

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें

आचार्य महेश भारद्वाज शास्त्री

ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र रजि. पानीपत

+91-9813739222

 
 
 

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